April 23, 2019

श्री नैना देवी एवं श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे के निर्माण को लेकर चंडीगढ़ में बैठक आयोजित






श्री नैना देवी एवं श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे के निर्माण को लेकर चंडीगढ़ में बैठक आयोजित

  शिमला, 23 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) ।  श्री नैना देवी व श्री आनंदपुर साहब के बीच रोपवे के निर्माण को लेकर विगत 28 सितंबर को हुए समझौता ज्ञापन के बाद हिमाचल प्रदेश व पंजाब दोनों राज्यों के संयुक्त उपक्रम के रूप में गठित 'श्री नैना देवी जी और श्री आनंदपुर साहिब जी रोपवे कंपनी प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक मंडल की पहली बैठक आज चंडीगढ़ के पंजाब भवन में आयोजित हुई, जिसमें दोनों राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया। 
हिमाचल प्रदेश की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव (पर्यटन) राम सुभग सिंह, निदेशक पर्यटन अमित कश्यप व अतिरिक्त निदेशक मनोज शर्मा और पंजाब सरकार की तरफ से अतिरिक्त मुख्य सचिव बिन्नी महाजन, प्रधान सचिव (पर्यटन) विकास प्रताप, प्रधान सचिव (वित्त) अनिरूद्ध तिवारी, निदेशक पर्यटन मलविंदर सिंह जग्गी और आईआरएसई के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनूप के अग्रवाल बैठक में शामिल हुए। 
210 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए गठित की गई संयुक्त उपक्रम कंपनी के निदेशक मंडल में 5 निदेशक हिमाचल प्रदेश सरकार और पांच निदेशक पंजाब सरकार द्वारा मनोनीत किए गए हैं। शुरुआती पूंजीगत निवेश में 50-50 लाख रुपये की राशि दोनों राज्यों द्वारा जमा करवाई जा रही है। इस रोपवे के निर्माण से प्रमुख शक्तिपीठ श्री नैना देवी जी तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी और पंजाब के श्रद्धालु आराम से धार्मिक स्थल पर पहुंच कर वहां अपने श्रद्धा के फूल चढ़ा सकेंगे। 
यह प्रोजेक्ट दो राज्यों व दो धर्मों के बीच आपसी भाईचारे व सद्भावना की डोर को और मजबूत करेगा। जिस तरह 52 शक्तिपीठों में से एक श्री नैना देवी हिमाचल प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, उसी तरह श्री आनंदपुर साहब भी एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए आस्था का केंद्र है। 
       इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ा और कई अड़चनें भी राह में आई। वर्ष 2012 -13 में भी इस रोपवे के निर्माण का प्रयास किया गया था और इसके लिए 14 एकड़ जमीन भी अधिकृत की गई थी लेकिन किन्हीं परिस्थितियों में इसका निर्माण नहीं हो पाया। पिछले साल 28 सितंबर को चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए और यह तय हुआ कि दोनों राज्य मिलकर इसके निर्माण को आगे बढ़ाएंगे और यह रोपवे दोनों राज्यों का संयुक्त उपक्रम होगा। इस प्रोजेक्ट का लोअर टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहब के निकट रामपुर में, इंटरमीडिएट स्टेशन हिमाचल के टोबा में और अप्पर टर्मिनल प्वाइंट श्री नैना देवी में होगा । 
गौरतलब है कि श्री नैना देवी मंदिर में शीश नवाने अस्सी प्रतिशत श्रद्धालु पंजाब से आते हैं और पिछले साल करीब 25 लाख श्रद्धालुओं ने इस शक्तिपीठ में शीश नवाया था। इस रोपवे के निर्माण से और अधिक श्रद्धालु श्री नैना देवी मंदिर पहुंच पाएंगे। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए दोनों राज्यों के पर्यटन विभाग इसकी नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहे हैं और आगामी अढ़ाई वर्ष के भीतर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
इस रोपवे के निर्माण के लिए मैसर्ज इंडियन पोर्ट रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (आईपीआरसीएल) द्वारा फ्री फिजिबिलिटी स्टडी की गई थी और आज के इस निदेशक मंडल की बैठक में इस बारे कंपनी के अधिकारियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई और यह बताया गया कि 3 वर्ष पहले गठित यह कंपनी इस समय देश में 12 ऐसे रोपवे बना रही है जिनमें 8 किलोमीटर लंबा एलीफेंटा मुंबई रोपवे भी शामिल है

किसानों व बागवानों को बकाया राशि शीघ्र देने के प्रयास

शिमला, 23 अप्रैल (विजयेन्दर शर्मा) ।  मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल के निर्देश पर प्रदेश के किसानों और बागवानों की उपज के विपणन सम्बन्धी समस्याओं पर चर्चा के लिए बागवानी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान की अध्यक्षता में आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। 
बागवानी विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि किसान संघर्ष समिति द्वारा, कृषि उपज मण्डी समिति (शिमला व किन्नौर) के समक्ष 22 अप्रैल, 2019 को आयोजित प्रदर्शन में आरोप लगाया कि व्यापारियों व आढ़तियों द्वारा 436 लाख रुपये सेब खरीद का भुगतान नहीं किया गया है। इस बारे में किसानों से 130 शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें से 21 का निपटारा किया जा चुका हैं और 88 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किसानों/बागवानों को किया जा चुका है। शेष 348 लाख रुपये राशि का भुगतान बकाया है, जिसके लिए समिति स्तर पर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि मण्डी समिति द्वारा दोषी व्यापारियों के विरूद्ध पुलिस में शिकायतें दर्ज की गई हैं और दोषियों के लाईसैंस रद्द करने की प्रक्रिया भी आरम्भ की जा चुकी है। 
विस्तार से चर्चा के उपरांत बैठक में यह निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश कृषि एवं औद्यानिकीय उपज विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 2005 के अन्तर्गत बनाए गए नियमों में कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान करने के लिए आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव शीघ्र प्रदेश सरकार के समक्ष लाया जाये, जिसमें दोषी व्यापारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सके। इसमें प्रदेश उच्च सीडब्ल्यूपी दिनेश कुमार व राज्य सरकार के मामले में दी गई व्यवस्था का अनुसरण भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मण्डी समिति को आदेश दिये गए हैं कि अधिनियम की अनुपालना सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों व बागवानों का शोषण न हो और उन्हें गैर कानूनी अनावश्यक कटौतियों से बचाया जा सके।
बैठक में निदेशक कृषि विभाग, निदेशक बागवानी विभाग, प्रबन्ध निदेशक हि. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड बोर्ड व अन्य अधिकारियों ने भाग लिया गया।





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